Tuesday, June 12, 2018

श्रीमद भागवतम में लिखी कलयुग की 10 सच बातें !

श्रीमद भागवतम में लिखी ये 10 बातें जो कलयुग में सच हो रही हैं !


1. ततश्चानुदिनं धर्मः
सत्यं शौचं क्षमा दया ।
कालेन बलिना राजन्
नङ्‌क्ष्यत्यायुर्बलं स्मृतिः ॥


कलयुग में धर्म, स्वच्छता, सत्यवादिता, स्मृति, शारीरक शक्ति, दया भाव और जीवन की अवधि दिन-ब-दिन घटती जाएगी !


2. वित्तमेव कलौ नॄणां जन्माचारगुणोदयः ।
धर्मन्याय व्यवस्थायां
कारणं बलमेव हि ॥


कलयुग में वही व्यक्ति गुणी माना जायेगा जिसके पास ज्यादा धन है. न्याय और कानून सिर्फ एक शक्ति के आधार पे होगा !   


3.  दाम्पत्येऽभिरुचि  र्हेतुः
मायैव  व्यावहारिके ।
स्त्रीत्वे  पुंस्त्वे च हि रतिः
विप्रत्वे सूत्रमेव हि ॥


कलयुग में स्त्री-पुरुष बिना विवाह के केवल रूचि के अनुसार ही रहेंगे.
व्यापार की सफलता के लिए मनुष्य छल करेगा और ब्राह्मण सिर्फ नाम के होंगे !


4. लिङ्‌गं एवाश्रमख्यातौ अन्योन्यापत्ति कारणम् ।
अवृत्त्या न्यायदौर्बल्यं
पाण्डित्ये चापलं वचः ॥


घूस देने वाले व्यक्ति ही न्याय पा सकेंगे और जो धन नहीं खर्च पायेगा उसे न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खानी होंगी. स्वार्थी और चालाक लोगों को कलयुग में विद्वान माना जायेगा !


5. क्षुत्तृड्भ्यां व्याधिभिश्चैव
संतप्स्यन्ते च चिन्तया ।
त्रिंशद्विंशति वर्षाणि परमायुः
कलौ नृणाम.
 

कलयुग में लोग कई तरह की चिंताओं में घिरे रहेंगे. लोगों को कई तरह की चिंताए सताएंगी और बाद में मनुष्य की उम्र घटकर सिर्फ 20-30 साल की रह जाएगी !


6. दूरे वार्ययनं तीर्थं
लावण्यं केशधारणम् ।
उदरंभरता स्वार्थः सत्यत्वे
धार्ष्ट्यमेव हि॥


लोग दूर के नदी-तालाबों और पहाड़ों को तीर्थ स्थान की तरह जायेंगे लेकिन अपनी ही माता पिता का अनादर करेंगे. सर पे बड़े बाल रखना खूबसूरती मानी जाएगी और लोग पेट भरने के लिए हर तरह के बुरे काम करेंगे !
  

7. अनावृष्ट्या  विनङ्‌क्ष्यन्ति दुर्भिक्षकरपीडिताः । शीतवातातपप्रावृड्
हिमैरन्योन्यतः  प्रजाः ॥


कलयुग में बारिश नहीं पड़ेगी और हर जगह सूखा होगा.मौसम बहुत विचित्र अंदाज़ ले लेगा. कभी तो भीषण सर्दी होगी तो कभी असहनीय गर्मी. कभी आंधी तो कभी बाढ़ आएगी और इन्ही परिस्तिथियों से लोग परेशान रहेंगे ! 


8. अनाढ्यतैव असाधुत्वे
साधुत्वे दंभ एव तु ।
स्वीकार एव चोद्वाहे
स्नानमेव प्रसाधनम् ॥


कलयुग में जिस व्यक्ति के पास धन नहीं होगा उसे लोग अपवित्र, बेकार और अधर्मी मानेंगे. विवाह के नाम पे सिर्फ समझौता होगा और लोग स्नान को ही शरीर का शुद्धिकरण समझेंगे !


9. दाक्ष्यं कुटुंबभरणं
यशोऽर्थे धर्मसेवनम् ।
एवं प्रजाभिर्दुष्टाभिः
आकीर्णे क्षितिमण्डले ॥


लोग सिर्फ दूसरो के सामने अच्छा दिखने के लिए धर्म-कर्म के काम करेंगे. कलयुग में दिखावा बहुत होगा और पृथ्वी पे भृष्ट लोग भारी मात्रा में होंगे. लोग सत्ता या शक्ति हासिल करने के लिए किसी को मारने से भी पीछे नहीं हटेंगे !


10. आच्छिन्नदारद्रविणा यास्यन्ति गिरिकाननम् ।
शाकमूलामिषक्षौद्र फलपुष्पाष्टिभोजनाः ॥


पृथ्वी के लोग अत्यधिक कर और सूखे के वजह से घर छोड़ पहाड़ों पे रहने के लिए मजबूर हो जायेंगे. कलयुग में ऐसा वक़्त आएगा जब लोग पत्ते, मांस, फूल और जंगली शहद जैसी चीज़ें खाने को मजबूर होंगे ! 
   
जय श्री कृष्णा !

 ऋषि जयसवाल 

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